एक पारितंत्र में ऊर्जा-प्रवाह दर्शाइए। यह एकदिशिक क्यों होता है? इसका औचित्य बताइए।
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एक पारितंत्र में ऊर्जा-प्रवाह निम्नलिखित प्रकार से होता है-
सूर्य $\rightarrow$ उत्पादक $\rightarrow$ शाकाहारी $\rightarrow$ माँसाहारी
क्योंकि ऊर्जा का प्रवाह एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर की ओर होता (बढ़ता) है तथा विपरीत दिशा में वापस नहीं लौटता है। इसी कारण पारितंत्र में ऊर्जा-प्रवाह एकदिशिक कहलाता है। साथ ही, प्रत्येक पोषी स्तर से उच्च पोषी स्तर में स्थानान्तरित होते समय उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा घटती जाती है जिसके कारण ऊर्जा-प्रवाह उत्क्रमित होना असम्भव होता है।
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