एक श्रोता तथा स्रोत एक दूसरे से $100$ मी/सेकंड $($पृथ्वी के सापेक्ष$)$ से दूर जा रहे हैं। यदि श्रोता को स्रोत से निकलने वाली आवृत्ति $1950$ हर्टज सुनायी पड़ती है तो स्रोत की वास्तविक आवृत्ति क्या होगी? $\left( V _{ s }=340\right.$ मी/सेकंड $)$
[2001]
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$(b)$ डाप्लर प्रभाव के अनुसार
$ n ^{\prime}=\left(\frac{ v - v _0}{ v - v _{ s }}\right) n $
$=\left(\frac{340-10}{340+10}\right) n$
$=\frac{330}{350} \times 1950=2068 $ हर्ट्ज
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ध्वनि की तरंगे गर्म वायु में $350 m / s$ की चाल से तथा पीतल में $35000 m / s$ की चाल से चलती है, तो $700 Hz$ की ध्वनिक तरंग यदि गरम वायु से पीतल में प्रवेश करे तो उसकी तरंगदैर्ध्य:
एक खिंचे तार में बनी तरंग की आवृत्ति 100 हर्टज है, जबकि वह दृढ़ सिरे की ओर चलती है। जब ये तरंग परावर्तन के बाद वापस आती है तो दृढ़ सिरे से 10 सेमी दूरी पर एक नोड बनती है। तरंग वेग का मान होगा।
एक कक्ष $A$ का रिभरवेरेशन काल एक सेकण्ड है। एक दूसरे कक्ष के सभी माप कक्ष $A$ की तुलना में दोगुने मान रखते हैं। इस दूसरे कक्ष का रिभरवेरेशन काल (सेकण्ड में) क्या होगा ?
एक बिन्दु स्रोत अवशोषण रहित माध्यम में सभी दिशाओं में समान रूप से ध्वनि उत्पन्न करता है। दो बिन्दु $P$ और $Q$ स्रोत से क्रमशः 2 मीटर तथा 3 मीटर दूरियों पर है। बिन्दुओं $P$ व $Q$ पर तंरगों की तीव्रताओं का अनुपात है:
किसी स्थिर वस्तु की ओर $220 ms ^{-1}$ की चाल से चलती हुई एक ट्रेन $1000 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करती है। इस ध्वनि का कुछ भाग उस वस्तु से टकराकर प्रतिध्वनि के रूप में वापस आ जाता है। ट्रेन के ड्राइवर द्वारा संसूचित (प्राप्त) इस प्रतिध्वनि की आवृत्ति होगी : (ध्वनि की वायु में चाल $330 ms ^{-1}$ )