साइक्लोहेक्सेन के अणुओं के मध्य वान्डरवाल बल तथा एथिल ऐल्कोहॉल (एथेनॉल) के अणुओं के मध्य हाइड्रोजन बन्ध पाया जाता है लेकिन जब एथेनॉल तथा साइक्लोहेक्सेन को मिलाया जाता है तो एथेनॉल के अणुओं के मध्य उपस्थित हाइड्रोजन बन्ध टूट जाते हैं अर्थात् A-B आकर्षण, A-A तथा B-B आकर्षण से कम है अतः अणु दूर-दूर जाते हैं इसलिए यह धनात्मक विचलन का उदाहरण है।