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एथिल ऐल्कोहॉल की सान्द्र $H_2SO_4$ के साथ क्रिया से बना उत्पाद अभिक्रिया की परिस्थिति पर निर्भर करता है। इस कथन की व्याख्या विभिन्न समीकरणों द्वारा कीजिए।
कारण दीजिए- (i) फीनॉल में उपस्थित कार्बन-ऑक्सीजन (C-O) आबंध लम्बाई मेथेनॉल से कम होती है। (ii) ईथर में उपस्थित C-O-C आबंध कोण चतुष्फलकीय कोण से अधिक होता है। (iii) समावयवी ऐल्कोहॉलों में शाखन के बढ़ने पर क्वथनांक कम हो जाता है।
कारण दीजिए $-$
$(i)$ एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन से अधिक होता है।
$(ii)$ एथेनॉल आसानी से जल में विलेय हो जाता है।
$(iii)$ फीनॉल, ऐल्कोहॉल की तुलना में प्रबल अम्ल होता है।
निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए$-$
$(अ)$ ऐल्कोहॉल में आबन्ध कोण चतुष्फलकीय कोण से जरा$-$सा कम होता है।
$(ब) \ CH_3OH$ में $C-OH$ आबन्ध लम्बाई फीनॉल में $C-OH$ आबन्ध लम्बाई से जरा$-$सी अधिक होती है।