गाँधीजी का विचार था कि भारत में ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग के कारण चल पा रहा है। यदि भारतवासी अपना सहयोग वापस ले लें तो साल भर के अन्दर ब्रिटिश शासन समाप्त हो जायेगा और स्वराज की स्थापना हो जाएगी। इसी कारण गाँधीजी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध असहयोग की नीति अपनाई।