जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड से भारतीयों में तीव्र आक्रोश उत्पन्न हुआ। विभिन्न स्थानों पर हड़तालें हुईं, लोग पुलिस से मोर्चा लेने लगे और सरकारी भवनों पर हमले करने लगे। परन्तु सरकार ने दमनात्मक नीति अपनाते हुए लोगों पर भीषण अत्याचार किए, उन पर कौड़े बरसाए गए और गाँवों पर बम गिराये गए।