हाइड्रोजन अणु की पहली उत्तेजित अवस्था में त्रिज्या होगी
[1997]
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(a) $R =\frac{ R _0 n ^2}{ Z }$ निम्नतम् स्तर में त्रिजया $=\frac{ R _0}{ Z }$
प्रथम उतेजित अवस्था में त्रिज्या $(n=2)=\frac{R_0 \times 4}{Z}$
अतः प्रथम उतेजित अवस्था में त्रिज्या निम्नतम् अवस्था में त्रिज्या की चार गुनी है।
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हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी की प्रथम लाईन की तरंगदैर्ध्य, किसी हाइड्रोजन के समान आयन की बामर श्रेणी की द्वितीय लाईन के बराबर है, तब हाइड्रोजन के समान आयन की परमाणु संख्या $Z$ होगी:
निम्न स्तर पर $H _2$ अणु की त्रिज्या $5.3 \times 10^{-11}$ मी है। एक इलैक्ट्रॉन के टकराने से त्रिज्या $21.2 \times 10^{-11}$ मी हो जाती है। मुख्य क्वाण्टम संख्या होगी $-$
हाइड्रोजन परमाणु की आद्य अवस्था में इलैक्ट्रॉन की आयनन ऊर्जा $13.6 \ eV$ होती है। $6$ तरंग दैर्ध्य की तरंगों की विकिरणों के उत्सर्जन के लिए परमाणुओं को ऊपरी ऊर्जा स्तरों तक उत्तेजित किया जाता है। उत्सर्जित विकिरण का अधिकतम तरंग दैर्ध्य इनमें से किस स्थिति परिर्वतन से सम्बन्धित होगा $:-$
हाइड्रोजन के समान किसी परमाणु में $n=3$ अवस्था से $n=1$ अवस्था में संक्रमण से पराबैगनी विकिरणों का उत्सर्जन होता है। इसी परमाणु में अवरक्त किरणों का उत्सर्जन होगा यदि संक्रमण हो :
जब द्रव्यमान ' $m$ ' तथा वेग ' $v$ ' से गतिमान कोई $\alpha$ कण 'Ze' आवेश के किसी भारी नाभिक पर बमबारी करता है, तो उसकी नाभिक से निकटतम उपगमन की दूरी, $m$ पर इस प्रकार निर्भर करती है :