हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी की प्रथम लाईन की तरंगदैर्ध्य, किसी हाइड्रोजन के समान आयन की बामर श्रेणी की द्वितीय लाईन के बराबर है, तब हाइड्रोजन के समान आयन की परमाणु संख्या $Z$ होगी:
[2011]
Download our app for free and get started
(d) हाइड्रोजन के प्रथम लाइमन रेखा के लिए
$
\frac{ hc }{\lambda_1}=\operatorname{Rhc}\left(\frac{1}{1^2}-\frac{1}{2^2}\right)
$
हाइड्रोजन जैसे आयन के द्वितीय बामर रेखा के लिए
$
\frac{ hc }{\lambda_2}=Z^2 Rhc \left(\frac{1}{2^2}-\frac{1}{4^2}\right)
$ प्रश्न से, $\lambda_1=\lambda_2$
$
\Rightarrow \quad\left(\frac{1}{1}-\frac{1}{2}\right)=Z^2\left(\frac{1}{4}-\frac{1}{16}\right) \text { या } Z=2
$
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
हाइड्रोजन अणु का आयनीकरण विभव $13.6 eV$ है। निम्न स्तर के हाड्रोजन अणु को उत्तेजित स्तर में लाने हेतु $12.1 eV$ ऊर्जा वाला फोटॉन डालना पड़ता है। बोर सिद्धान्त के अनुसार स्पैक्ट्रम लाइनों की संख्या होगी
हाइड्रोजन के समान किसी परमाणु में $n=3$ अवस्था से $n=1$ अवस्था में संक्रमण से पराबैगनी विकिरणों का उत्सर्जन होता है। इसी परमाणु में अवरक्त किरणों का उत्सर्जन होगा यदि संक्रमण हो :
किसी हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था $n$ से न्यूनतम ऊर्जा स्थिति में संक्रमण करता है (कूदता) है। इससे विकिरित तरंगदैर्ध्य का प्रकाश एक ऐसे प्रकाशसंवेदी पदार्थ को प्रदीप्त करता है जिसका कार्यफलन $2.75 eV$ है। यदि प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव $10 V$ है तो $n$ का मान होगा: