हल्के रंग की प्रजाति वाले पेपर्ड मोथ (बिस्टन बेटुलेरिया) के गहरे रंग (बिस्टन कार्बोनेरिया) की प्रजाति में बदलने का कारण है :-
[1995]
Download our app for free and get started
(a) पेपरर्ड मोथ के रंग में परिवर्तन एकल मेंडिलियन जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है जो कि ध आँ युक्त औद्योगिक वातावरण में जीवित रहने के लिए आवश्यक होता है।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
फलमक्खी के $X$-गुणसूत्र के सहलग्न मैप (नक्शे) में 66 इकाइयां होती हैं, यहाँ पीत देह जीन (4) एक सिरे पर जबकि बोण्ड बाल (6) जीन दूसरे पर होता है। इन दोनों जीनों $Y$ तथा $( b )$ के बीच पुनर्संयोजन आवृत्ति होनी चाहिए-
एक फलमक्खी लिंग सहलग्न जीनों के लिए विषमयुग्मजी है। इसका एक सामान्य फलमक्खी के साथ संगमन कराने पर नर का विशिष्ट गुणसूत्र अण्ड कोशिकाओं में किस अनुपात में प्रवेश करेगा