हम सदैव कहते हैं कि आभासी प्रतिबिंब को परदे पर केंद्रित नहीं किया जा सकता। यद्यपि जब हम किसी आभासी प्रतिबिंब को देखते हैं तो हम इसे स्वाभाविक रूप में अपनी आँख को स्क्रीन (अर्थात रेटिना) पर लाते हैं। क्या इसमें कोई विरोधाभास है?
Exercise - 9.18
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SELF STUDY
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उपयुक्त किरण आरेख द्वारा अवतल लेन्स के प्रथम फोकस दूरी की परिभाषा लिखिए। अवतल लेन्स पर मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित किरणों के लिए निर्गत किरणों को आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
क्रान्तिक कोण की परिभाषा दीजिए। पानी तथा काँच के अपवर्तनांक क्रमशः $\frac{4}{3}$ तथा $\frac{3}{2}$ हैं। काँच से पानी पर आपतित प्रकाश किरण के लिये कान्तिक कोण का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तल लेन्स द्वारा एक वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब वस्तु से 80 सेमी दूर स्थित पर्दे पर प्राप्त किया जाता है। लेन्स की अधिकतम फोकस दूरी क्या होनी चाहिए।
$3 / 2$ अपवर्तनांक वाले काँच के एक उत्तल लेंस के प्रत्येक पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 10 से. मी. हैं। लेंस के दोनों ओर $4 / 3$ अपवर्तनांक का माध्यम हैं। लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से बायीं ओर 20 सेमी दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
निकट दृष्टि दोप किसे कहते हैं? इस दोप के कारण लिखिए। निकट दृष्टि दोप वाला व्यक्ति 15 सेमी दूर की वस्तु स्पप्ट देख सकता है। 25 सेमी दूर वस्तु को स्पश्ट देखने के लिए आवश्यक लेन्स की फोकस दूरी निकालिए।
एक अवतलोत्तल लेन्स की अवतल और उत्तल पृष्ठों की वकता त्रिज्यायें क्रमशः 15 सेमी तथा 10 सेमी हैं। यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 तथा एक द्रव का अपवर्तनांक 1.7 हो, तो लेन्स की वायु तथा द्रव में फोकस दूरियों की गणना कीजिए।
एक पतले लेन्स के लिए फोकस दूरी का सूत्र अपवर्तनांक तथा वक्तता त्रिज्याओं के पर्दों में व्यंजक प्राप्त कीजिए। यदि लेन्स का अपवर्तनांक से 1.5 तथा अपवर्तनांक वाले द्रव में डुबों दिया जाए, तो इसकी फोकस दूरी कितनी हो जाएगी?