एक अवतलोत्तल लेन्स की अवतल और उत्तल पृष्ठों की वकता त्रिज्यायें क्रमशः 15 सेमी तथा 10 सेमी हैं। यदि काँच का अपवर्तनांक 1.5 तथा एक द्रव का अपवर्तनांक 1.7 हो, तो लेन्स की वायु तथा द्रव में फोकस दूरियों की गणना कीजिए।
2013
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स्वप्रयत्न
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हम सदैव कहते हैं कि आभासी प्रतिबिंब को परदे पर केंद्रित नहीं किया जा सकता। यद्यपि जब हम किसी आभासी प्रतिबिंब को देखते हैं तो हम इसे स्वाभाविक रूप में अपनी आँख को स्क्रीन (अर्थात रेटिना) पर लाते हैं। क्या इसमें कोई विरोधाभास है?
दूरदर्शी के अभिदृश्यक का अर्थ समझाइए। आँख पर चन्द्रमा का दर्शन कोण $0.6^{\circ}$ है। दूरदर्शी के अभिदृश्यक एवं नेत्रिका की फोकस दूरियाँ कमश: 200 सेमी एवं 10 सेमी हैं। दूरदर्शी से देखने पर चन्द्रमा का दर्शन काण कितना होगा?
एक उत्तल लेंस $\left( a ^{ n } g =1.5\right)$ के प्रत्येक दो तलों की वक्रता त्रिज्या 20 सेमी है। लेन्स की क्षमताओं का अनुपात ज्ञात कीजिए, जब लेन्स वायु में रखा हो तथा जब 1.25 अपतर्वनांक के द्रव के अन्दर डूबी हो।
किसी कमरे की एक दीवार पर लगे विद्युत बल्ब का किसी बड़े आकार के उत्तल लेंस द्वारा 3 मी. दूरी पर स्थित सामने की दीवार पर प्रतिबिंब प्राप्त करना है। इसके लिए उत्तल लेंस की अधिकतम फोकस दूरी क्या होनी चाहिए?
$3 / 2$ अपवर्तनांक वाले काँच के एक उत्तल लेंस के प्रत्येक पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 10 से. मी. हैं। लेंस के दोनों ओर $4 / 3$ अपवर्तनांक का माध्यम हैं। लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से बायीं ओर 20 सेमी दूर रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए।