$I _1$ और $I _2$ तीव्रताओं की दो आवर्ती तरंगें एक स्थानसे एक ही समय एक ही दिशा में गुजरती हैं। अधिकतम और न्यूनतम तीव्रताओं का जोड़ होगा :
[2008]
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$(a)$ किसी बिन्दु पर दो आवर्ती दोलनों का परिणामी तीव्रता $I = I _1+ I _2+2 \sqrt{ I _1 I _2} \cdot \cos \Phi$.
$I $ अधिकतम होगा यदि $\cos \Phi=+1$
$ \therefore I _{\max }= I _1+ I _2+2 \sqrt{ I _1 I _2} $
इसी प्रकार $, I$ न्यूनतम होगा यदि $\cos \Phi=-1$
$ \therefore I _{\min }= I _1+ I _2-2 \sqrt{ I _1 I _2}$
$\therefore I _{\max }+ I _{\min }$
$= I _1+ I _2+2 \sqrt{ I _1 I _2}+ I _1+ I _2-2 \sqrt{ I _1 I _2}$
$=2\left( I _1+ I _2\right) $
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यदि वायु में ध्वनि का वेग $340$ मी/से हो तो $,1250$ हर्ट्ज से कम आवृत्ति वाले 85 सेमी लम्बे एक सिरे पर बन्द नलिका $($पाइप$)$ में वायु $-$ स्तम्भ के संभव प्राकृतिक दोलनों की संख्या होगी
$800 Hz$ आवृत्ति की ध्वनि उत्पत्र करने वाला कोई सायरन किसी प्रेक्षक से एक चट्टान की ओर $15 \ ms ^{-1}$ की चाल से गतिमान है । तब उस ध्वनि की आवृत्ति, जिसे चट्टान से परावर्तित प्रतिध्वनि के रूप में वह प्रेक्षक सुनता है, क्या होगी? $($वायु में ध्वनि की चाल $=330 \ ms ^{-1}$ लीजिए$)$
किसी प्यानों के दो सर्वसम तारों का तनाव भी समान है और उसका मान $T$ है। इसकी मूल आवृत्ति $600 Hz$ है। यदि दोनों तारों के एक साथ कम्पन करने पर 6 विस्पंद प्रति सेकण्ड बने, तो तारों के तनाव में भिन्नात्मक वृद्धि होगी: