एक वर्गाकार कुंडली जिसकी प्रत्येक भुजा $10$ सेमी है, में $20$ फेरे हैं और उसमें $12 \ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली ऊर्ध्वाधरत : लटकी हुई है और इसके तल पर खींचा गया अभिलम्ब $0.80 \ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ$ का एक कोण बनाता है। कुंडली पर लगने वाले बलयुग्म आघूर्ण का परिमाण क्या है?
Exercise - 4.9
Download our app for free and get started
SELF STUDY
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
$30$ फेरों वाली एक वृत्ताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी है और जिसमें $6.0\ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, $1.0\ T$ के एकसमान क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्ध्वाधरतः लटकी है। क्षेत्र रेखाएँ कुंडली के अभिलम्ब से $60^\circ$ का कोण बनाती हैं। कुंडली को घूमने से रोकने के लिए जो प्रतिआघूर्ण लगाया जाना चाहिए उसके परिमाण परिकलित कीजिए।
यदि $(i)$ में बतायी गई वृत्ताकार कुंडली को उसी क्षेत्रफल की अनियमित आकृति की समतलीय कुंडली से प्रतिस्थापित कर दिया जाए $($शेष सभी विवरण अपरिवर्तित रहें$)$ तो क्या आपका उत्तर परिवर्तित हो जाएगा$?$
कोई परिनालिका जिसकी लंबाई 0.5 m तथा त्रिज्या 1 cm है, में 500 फेरे इसमें 5 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\ kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15\ T$ के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुम्बकीय क्षेत्र
प्रारंभिक वेग के लम्बवत है
प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^\circ$ का कोण बनाता है।
पश्चिम से पूर्व की ओर चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे प्रकोष्ठ में प्रवेश करता है जिसमें उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एकसमान एक वैद्युत क्षेत्र है। वह दिशा बताइए जिसमें एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किया जाए ताकि इलेक्ट्रॉन को अपने सरल रेखीय पथ से विचलित होने से रोका जा सके।
एक 3.0 सेमी. लम्बा तार जिसमें 10 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, एक परिनालिका के भीतर उसके अक्ष के लम्बवत् रखा है। परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र का मान 0.27 T है। तार पर लगने वाला चुम्बकीय बल क्या है?
एक तार जिसमें $8 \ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, $0.15 \ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में, क्षेत्र से $30^\circ$ का कोण बनाते हुए रखा है। इसकी एकांक लम्बाई पर लगने वाले बल का परिमाण और इसकी दिशा क्या है?
I धारावाही, N फेरों और R त्रिज्या वाली वृत्ताकार कुंडली के लिए, इसके अक्ष पर, केन्द्र से x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए निम्न व्यंजक हैं: B = $\frac{\mu_{0} I R^{2} N}{2\left(x^{2}+R^{2}\right)^{\frac3 2}}$
स्पष्ट कीजिए, इससे कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए सुपरिचित परिणाम कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
बराबर त्रिज्या R, एवं फेरों की संख्या N, वाली दो वृत्ताकार कुडलियाँ एक-दूसरे से R दूरी पर एक-दूसरे के समांतर, अक्ष मिला कर रखी गई हैं। दोनों में समान विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। दर्शाइए कि कुंडलियों के अक्ष के लगभग मध्यबिन्दु पर क्षेत्र, एक बहुत छोटी दूरी के लिए जो R से कम है, एकसमान है और इस क्षेत्र का लगभग मान निम्न है: B = $0.72 \frac{\mu_{0} N I}{R}$
[बहुत छोटे से क्षेत्र पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए बनायी गई ऊपर वर्णित व्यवस्था हेल्महोल्ट्ज कुंडलियों के नाम से जानी जाती है।]