इस चित्र में एक प्रकाश सुक्रीय तल पर तीन विभिन्न विकिरणों के लिये प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ माना जायेगा?
[2009]
Download our app for free and get started
(a) अवमंदित विभव आपतित विकिरणों की आवृत्ति पर निर्भर करता है, लेकिन तीव्रता पर निर्भर नहीं करता।
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
तीन धातुओं $A , B$ एवं $C$ के कार्यफलन क्रमशः $1.92\ eV$, $2.0\ eV$ एवं है। आंइस्टीन समी. के अनुसार $4100 A$ की तरंगदैध्ध्य से कौन से धातु से फोटोइलेक्ट्रान निकलेंगें
हीलियम नीयॉन लेजर $667\ nm$ तरंग दैर्ध्य का प्रकाश उत्पन्न करता है। उत्सर्जित शक्ति $9\ mW$ है। इस प्रकाश पुंज द्वारा प्रकाशित लक्ष्य पर प्रति सैकण्ड पहुँचने वाले इलैक्ट्रॉनों की मध्यमान संख्या होगी $:-$
एक आयनीकरण बॉक्स में दो समान्तर प्लेट एनोड तथा कैथोड जिन पर $5 \times 10^7$ इलैक्ट्रॉन है। इतना ही एनोड के पास सिंगल आवेशित धनात्मक आवेश प्रति सेमी$^3$ में है इलैक्ट्रॉन एनोड की तरफ $0.4$ मी/सेकण्ड से भागते हैं तो एनोड पर धारा घनत्व $4$ माइक्रो एम्पियर / मी$^2$ होता है। धनात्मक आवेश की चाल होगी $-$
किसी इलेक्ट्रॉन के संवेग को $P$ से परिवर्तन करने पर उससे संबद्व दे-ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य $0.5 \%$ परिवर्तित हो जाती है। इलेक्ट्रॉन का प्रारंभिक संवेग होगा :