एक आयनीकरण बॉक्स में दो समान्तर प्लेट एनोड तथा कैथोड जिन पर $5 \times 10^7$ इलैक्ट्रॉन है। इतना ही एनोड के पास सिंगल आवेशित धनात्मक आवेश प्रति सेमी$^3$ में है इलैक्ट्रॉन एनोड की तरफ $0.4$ मी/सेकण्ड से भागते हैं तो एनोड पर धारा घनत्व $4$ माइक्रो एम्पियर / मी$^2$ होता है। धनात्मक आवेश की चाल होगी $-$
[1992]
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धारा $I=I_e+I_p$
$ I =\text { neAvd }$
$n =5 \times 10^7 \times 10^6 / m ^3 ;$
$I _{ e }=5 \times 10^{13} \times 1.6 \times 10^{-19} \times A \times 0.4$
$I _{ p }=5 \times 10^{13} \times 1.6 \times 10^{-19} \times Av$
$I =5 \times 10^{13} \times 1.6 \times 10^{-19} \times A ( v +0.4)$
$4 \times 10^{-6} A =5 \times 10-6 \times 1.6 \times A ( v +0.4)$
$v =0.1\ m / sec $
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फोटो-इलैक्ट्रिक सेल के कैथोड पर 300 नैनो मीटर तरंगदैर्ध्य का प्रकाश डाला जाता है तो फोटोइलैक्ट्रान निकलते हैं। जबकि दूसरे सेल के लिए यही काम 600 नैनो मीटर तरंगदैध्ध्य से होता है। दोनों के कार्यफलनों की तुलना करो।
$0.25\ Wb / m ^2$ तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति में एक $\alpha-$कण $0.83 \ cm$ त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में गति करता है तो, इस कण से सम्बद्ध दे $-$ ब्रॉग्ली तरंगदैध्ध्य होगी :
जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे
जब एल्यूमिनियम प्लेट पर $hv$ ऊर्जा वाले फोटॉंन डाले जाते हैं $($कार्यफलन $E _0 )$ तो अधिकतम गति वाले इलैक्ट्रान की गतिज ऊर्जा $K$ है। यदि डाले गये विकिरण की आवृत्ति दोगुनी कर दी जाए तो निकले फोटो इलैक्ट्रान की अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी
निकैल का कार्य फलन $5.01 eV$ है। इसके पृष्ठ पर 200 $n m$ तरंगदैर्ध्य के पराबैंगनी प्रकाश आपतित होता है। सबसे द्रुतगामी उत्सर्जित प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन को रोकने के लिए आवश्यक विभवान्तर होगा
एक मिलीग्राम द्रव्यमान का एक गतिशील कण उतना ही तरंगदैर्ध्य रखता है जितना की $3 \times 10^6\ ms ^{-1}$ चाल से चलने वाला इलेक्ट्रॉन। कण की चाल होगी:
$($इलैक्ट्रान का द्रव्यमान $=9.1 \times 10^{-31} \ kg )$
किसी इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनों को $25\ kV$ की वोल्टता से त्वरित किया जाता है। यदि वोल्टता को बढ़ा कर $100\ kV$ कर दिया जाये तो इलेक्ट्रॉनों से संबद्ध डी$-$ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य का मान :