देहली आवृत्ति $\left(v_0\right)$ से अधिक आवृत्ति $(v)$ के प्रकाश द्वारा उत्सर्जित इलैक्ट्रानों की संख्या अनुपाती होती है:-
[2009]
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(b) उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या आपतित-प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
संतृप्त धारा $\propto$ तीव्रता
art

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  • 1
    किसी धातु से प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिए निरोधी (अंतक) आवृत्ति $v$ है। यदि इस धातु पर $2 v$ आवृत्ति के विकिरण आपतित हों तो, उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम संभावित वेग होगा: ( $m$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान है।)
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  • 2
    हाइड्रोजन अणु के बोर मॉंडल में एक इलैक्ट्रॉन माना $n ^{\text {th }}$ कक्षक में है। इस कक्षा की परिधि को डी-ब्रागली तरंगदैर्ध्य $\lambda$ के पद मे व्यक्त किया जा सकता है
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  • 3
    जब $I$ तीव्रता के एकवर्णी विकिरण, किसी धातु की सतह पर टकराते हैं तो, फोटॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः $N$ और $T$ है। यदि विकिरणों की तीव्रता $2 I$ हो तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उनकी अधिकतम गतिज ऊर्जा क्रमशः होंगे
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  • 4
    एक धातु की देहली तरंगदैर्ध्य $2000 A$ है, इसका कार्य फलन होगा
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  • 5
    कम दाब पर गैसों में विद्युत विसर्जन के प्रक्रम में टयूब में रंगदार चमक उत्पन्न होने का कारण होता है:
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  • 6
    किसी धातु का कार्य फलन $1.8 eV$ है। इससे प्रकाश विद्युत उत्सर्जन में उत्पन्न इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम ऊर्जा $0.5 eV$ है। इसका संगत निरोधी (अंतक) विभव होगा:
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  • 7
    किसी प्रकाशवैन्युत पृप्ठ को क्रमश: $\lambda$ तथा $\frac{\lambda}{2}$ तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश से प्रदीप्त किया जाता है। यदि उत्सर्जित प्रकाश विद्युत इललोक्ट्रॉनो की अधिकतम गतिज ऊर्जा का मान, दूसरी दशा में पहली दशा से $3$ गुना है, तो इस पृष्ट के पदार्थ का कार्य फलन है:
    $( h =$ प्लांक स्थिरांक$, c =$ प्रकाश का वेग$)$
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  • 8
    एक कण का द्रव्यमान $m$ तथा वेग $v$ है इससे संबंधित डी-ब्राग्ली तरंगदैध्य का मान है
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  • 9
    फोटोइलैक्ट्रिक प्रभाव में $Na$ की देहली आवृत्ति से संबंधित तंरंगदैर्ध्य $5000 A$ है तो कार्य-फलन है
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  • 10
    धातु के किसी पृष्ठ पर आपतित विकिरणों की ऊर्जा को $20 \%$ बढ़ाने पर, उससे उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉनों $($प्रकाश विद्युत इलेक्ट्रॉनों$)$ की गतिज उर्जा $0.5\ eV$ से बढ़कर $0.8\ eV$ हो जाती है। इस धातु का कार्य फलन है
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