जब एक संधि डायोड को अग्र अभिनत किया जाता है तो
[2005]
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दाता अणुओं की संख्या अधिक है क्योंकि सैल के '-ve' टर्मिनल से इलैक्ट्रान $n$-प्रकार में जाते हैं और पंचमसंयोजी की संख्या कम होती है जिससे विभव बैरियर कम होता है। इस प्रकार पंचम संयोजी अणु फिर से इलैक्ट्रान देंगे।
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