दूरस्थ वस्तुओं से परावर्तित प्रकाश किरणें स्वच्छ मंडल (कॉर्निया), नेत्रोद, लेंस तथा अंततः काँचाभ द्रव से गुजरते हुए रेटिना पर फोकसित होता है। अतः जब प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है तो उसका अधिकांश अपर्वतन स्वच्छ मंडल (कॉर्निया) पर होता है।
अधिकांश प्रकाश का अपवर्तन तब होता है जब दोनों माध्यमों का अपवर्तनांक सर्वाधिक होता है। मानव नेत्र के विभिन्न अवयवों के अपवर्तनांक की सारणी:
क्रम सं. | माध्यम | अपवर्तनांक |
(i) | वायु | 1.000 |
(ii) | कॉर्निया | 1.376 |
(iii) | नेत्रोद | 1.336 |
(iv) | लेंस | 1.42 |
(v) | कॉँचाभ द्रव | 1.336 |