प्रत्येक प्रजाति अपने अस्तित्व के लिए निरन्तर संघर्ष करती है। प्राकृतिक शिकारी तथा विपत्तियाँ किसी प्रजाति की समष्टि के बड़े भाग को निरन्तर हटाती रहती हैं। इसके अतिरिक्त, जीवन का प्राकृतिक चक्र तथा मृत्यु भी समष्टि के बड़े भाग को हटाते हैं। प्रजनन इस खोए हुए भाग को पुनः बहाल करने की विधि है। प्रजनन में, DNA एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होता है। इस प्रक्रम में DNA का प्रतिकृतिकरण होता है। जो जीव के शारीरिक अभिकल्पों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है तथा जीव को अपने विशिष्ट स्थान का उपयोग करने की अनुमति देता है। जनन प्रिक्रिया प्राकृतिक शिकारियों और विपत्तियों के द्वारा हटाई गयी समष्टि को पुनः बनाती रहती है। इस प्रकार जनन का सम्बन्ध प्रजाति (स्पीशीज) के स्थायित्व से होता है।