एक उभयलिंगी पौधे में, नन्हे पुंकेसरों को कृत्रिम रूप से निकाल दिए जाने पर भी, फल उत्पन्न होते हैं। उपरोक्त परिस्थिति के लिए उपयुक्त व्याख्या प्रस्तुत कीजिए।
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किसी पुष्प द्वारा फल उत्पन्न करने के लिए परागण तथा निषेचन होना आवश्यक है। नन्हें पुंकेसरों की अनुपस्थिति में, निषेचन क्रिया को सुगम बनाने के लिए परपरागण का होना अति आवश्यक है। परपरागण क्रिया मनुष्य द्वारा अथवा किसी अन्य माध्यम द्वारा सम्पन्न हो सकती है। इससे फल का निर्माण प्रेरित होता है। वर्तिकाग्र यथावत् बना रहता है।
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प्लैनैरिया को यदि ऊर्ध्वाधर रूप से दो अर्द्धांशों में काट दिया जाए तो क्या वे दोनों अर्धांश पुनरूद्धभवन करके दो नई व्यष्टियाँ बना देंगे? चित्र D और E को दोबारा से बने क्षेत्रों को बनाते हुए पूरा कीजिए।
तंबाकू के पौधे में, नर युग्मक में चौबीस गुणसूत्र होते हैं। मादा युग्मक में गुणसूत्रों की संख्या कितनी होगी? युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या कितनी होगी?
इंटरनेट की सहायता से पाँच जंतुओं और पाँच पौधों में पाए जाने वाले गुणसूत्रों की संख्या ज्ञात कीजिए। इस संख्या और जीव के आकार में संबंध स्थापित कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
क्या अपेक्षाकृत बड़े जीवों में गुणसूत्रों/कोशिकाओं की संख्या अधिक होती है?
क्या अधिक गुणसूत्रों वाले जीवों की अपेक्षा कम गुणसूत्रों वाले जीव अधिक आसानी से जनन करते हैं?
गुणसूत्रों/कोशिकाओं की संख्या जितनी अधिक होगी, DNA की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।