उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में जब भारतीय व्यवसायी उद्योग स्थापित करने लगे. उस समय भारत आने वाले ब्रिटिश मालों में धागा बहुत अच्छा नहीं था। इसलिए भारत की प्रारम्भिक सूती मिलों में कपड़े की बजाय मोटे सूती धागे ही बनाए जाते थे। इस धागे का भारत के हथकरघा बुनकर प्रयोग करते थे अथवा उन्हें चीन को निर्यात कर दिया जाता था।