488 nm तरंगदैर्घ्य का प्रकाश एक ऑर्गन लेसर से उत्पन्न किया जाता है, जिसे प्रकाश-विद्युत प्रभाव के उपयोग में लाया जाता है। जब इस स्पेक्ट्रमी-रेखा के प्रकाश को उत्सर्जक पर आपतित किया जाता है तब प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों का निरोधी (अंतक) विभव 0.38 V है। उत्सर्जक के पदार्थ का कार्य-फलन ज्ञात करें।
Exercise - 11.11
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एक समोर्जी इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज जिसमें इलेक्ट्रॉन की चाल $5.20 \times10^{6} \mathrm{~ms}^{-1}$ है, पर एक चुम्बकीय क्षेत्र 1.30$ \times 10^{-4} \mathrm{~T}$किरण-पुंज की चाल के लम्बवत लगाया जाता है। किरण-पुंज द्वारा आरेखित वृत्त की त्रिज्या कितनी होगी, यदि इलेक्ट्रॉन के $e / m$ का मान 1.76$ \times 10^{11} \mathrm{C}\mathrm{kg}^{-1}$है।
क्या जिस सूत्र को (a) में उपयोग में लाया गया है वह यहाँ भी एक 20 MeV इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज की त्रिज्या परिकलित करने के लिए युक्तिपरक है? यदि नहीं तो किस प्रकार इसमें संशोधन किया जा सकता है?
कमरे के ताप $(27^\circ C)$ और $1\ atm$ दाब पर $He$ परमाणु से जुड़े प्रारूपी डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए और इन परिस्थितियों में इसकी तुलना दो परमाणुओं के बीच औसत दूरी से कीजिए।
ऐसा विचार किया गया है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होते हैं [(+2 / 3) e ;(-1 / 3) e] $\mid$ यह मिलिकन तेल-बूँद प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते?
पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने वाला सूर्य$-$प्रकाश का ऊर्जा$-$अभिवाह $($फ्लक्स$) 1.388 \times 10^{3}$ वॉट/ मी$^2$ है। लगभग कितने फोटॉन प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड पृथ्वी पर आपतित होते हैं$?$ यह मान लें सूर्य$-$प्रकाश में फोटॉन का औसत तरंगदैर्घ्य $550\ nm$ है।
एक निर्वात नली के तापित केंथाड से उत्साजत इलक्ट्रानी का उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में 500 V के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात् $e / m 1.76 \times 10^{11} \mathrm{C} \mathrm{kg}^{-1}$ है।
संग्राहक विभव 10 MV के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो (i) में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
एक न्यूट्रॉन, जिसकी गतिज ऊर्जा 150 eV है, का डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य प्राप्त कीजिए। इतनी ऊर्जा का इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज क्रिस्टल विवर्तन प्रयोग के लिए उपयुक्त है। क्या समान ऊर्जा का एक न्यूट्रॉन किरण-पुंज इस प्रयोग के लिए समान रूप में उपयुक्त होगा? स्पष्ट कीजिए। $\left(m_{n}=1.675 \times 10^{-27} \mathrm{~kg}\right)$
कमरे के सामान्य ताप $\left(27^{\circ} \mathrm{C}\right)$ पर ऊष्मीय न्यूट्रॉन से जुड़े डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। इस प्रकार स्पष्ट कीजिए कि क्यों एक तीव्रगामी न्यूट्रॉन को न्यूट्रॉन-विवर्तन प्रयोग में उपयोग में लाने से पहले वातावरण के साथ तापीकृत किया जाता है।
निम्न धातुओं के कार्य-फलन निम्न प्रकार दिए गए हैं: Na: 2.75 eV; K: 2.30 eV; Mo: 4.17 eV; Ni: 5.15 eV। इनमें धातुओं में से कौन प्रकाश सेल से 1 मी. दूर रखे गए He−Cd लेसर से उत्पन्न 3300 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य के विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन नहीं देगा? लेसर को सेल के निकट 50 सेमी. दूरी पर रखने पर क्या होगा?