किसी ताप वैद्युत युग्म के उदासीन ताप पर ताप वैद्युत वाहक बल की वृद्धि की दरः
[2011]
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हमें ज्ञात है,
$ e =a t+b t^2$
$\Rightarrow \frac{d e}{d t} =a+2 b t $
उदासीन ताप पर
$ t=-\frac{a}{2 b}$
$\therefore \frac{ de }{ b }=0 $
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एक तार जिसका वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल $a$ लम्बाई 1 तथा प्रतिरोध $R$ है। इसे एक वृत के रूप में मोड़ा गया है। इसके किसी व्यास के दोनों छोड़ो के बीच प्रतिरोध ज्ञात करो।
एक सेल के टर्मिनलों के बीच विभव $2.2 V$ है जबकि सेल खुले परिपथ में है। अगर $5 \Omega$ का प्रतिरोध सेल के टर्मिनलों के बीच लगा दें तो विभव $1.8 V$ हो जाता है। सेल का आन्तरिक प्रतिरोध होगा :
किसी विभवमापी के परिपथ को चित्र में दिखाये गये अनुसार व्यवस्थिति किया गया है। इस विभवमापी के तार पर विभवपात (प्रवणता) $k$ वोल्ट प्रति सेन्टीमीटर है, और जब द्विमार्गी कुंजी नहीं लगी है (आंफ है) तब, परिपथ में जुड़े एमीटर की माप $1.0 A$ है। जब कुंजी (i) 1 और 2 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_1 cm$ पर, (ii) और जब कुंजी 1 और 3 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_2 cm$ पर प्राप्त होता है। तो, $R$ और $X$ प्रतिरोधकों का ओम में प्रतिरोध क्रमशः होगा
विद्युत अपघटन द्वारा क्लोरीन गैस के उत्पादन के लिए $125 V$ पर $100 kW$ शक्ति का उपयोग होता है। प्रति मिनट कितनी क्लोरीन विमुक्त हो रही है? (क्लोरीन का विद्युत रासायनिक तुल्यांक $=0.367 \times 10^{-6} kg / C$ )
12 ओम प्रति मीटर के एक तार को मोड़ कर 10 से.मी. त्रिज्या का एक वृत्त बनाया गया है। इसके व्यास के अभिमुख बिन्दुओं, $A$ और $B$, जैसा चित्र में दर्शाया हैं, के बीच के प्रतिरोध का मान होगा:-
नगण्य प्रतिरोध का एक ताप-विद्युत युग्म, ताप के रेखीय परिसर में $40 \mu V /{ }^{\circ} C$ विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) उत्पन्न करता है। इस ताप विद्युत युग्म के साथ 10 ओम प्रतिरोध का एक गैल्वेनोमीटर लगाया गया है, जिसकी सुग्राहिता $1 \mu A / div$ भाग है, तो इस निकाय (तंत्र) द्वारा संसूचित की जा सकने वाले न्यूनतम तापान्तर का मान होगा: