विद्युत अपघटन द्वारा क्लोरीन गैस के उत्पादन के लिए $125 V$ पर $100 kW$ शक्ति का उपयोग होता है। प्रति मिनट कितनी क्लोरीन विमुक्त हो रही है? (क्लोरीन का विद्युत रासायनिक तुल्यांक $=0.367 \times 10^{-6} kg / C$ )
[2010]
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(c) $I =\frac{P}{V}=\frac{100 U0 ^3}{125} A \quad \frac{10^5}{60} A$
E.C.E. $=0.367 \times 10^{-6} kg C ^{-1}$
प्रति मिनट आवेश $=( I \times 60) C$
$=\frac{10^5 \text { u60 }}{125} C \quad \frac{6 u 0^6}{125} C$
? मुक्त द्रव्यमान $=\frac{6 u10 ^6}{125} \quad 0.367 u ^6$
$=\frac{61000 u 0.36710^3 u }{125}=17.616 \times 10^{-34} kg$
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एक बैटरी में $10 \ A$ की धारा 8 घंटे तक प्रवाहित की गयी तो उसका विभव $15 V$ है। यह बैटरी विआवेशित होने पर $15$ घंटे के लिए $5\ A$ की धारा देती है यानि विआवेशीकरण के दौरान इसकी छोर वोल्टता $14$ वोल्ट है। बैटरी की वाट $-$ घंटा क्षमता है:
दो सेल समान वि.वा.ब. तथा $r _1, r _2,\left( r _1> r _2\right)$ आन्तरिक प्रतिरोध के हैं जो बाहय प्रतिरोध $R$ के साथ श्रेणी क्रम में जुड़े है। बंद परिपथ में पहले सेल का विभवांतर शून्य है तो $R$ का मान :
निम्नलिखित दो कथनों पर विचार कीजिये
(a) किरचॉंफ का संधि नियम, आवेश-संरक्षण से प्राप्त होता है।
(b) किरचॉंफ का पाश (लूप) नियम, उर्जा-संरक्षण से प्राप्त होता है।
निम्नांकित में से कौन सा ठीक (सही) है?
किसी विभवमापी के परिपथ को चित्र में दिखाये गये अनुसार व्यवस्थिति किया गया है। इस विभवमापी के तार पर विभवपात (प्रवणता) $k$ वोल्ट प्रति सेन्टीमीटर है, और जब द्विमार्गी कुंजी नहीं लगी है (आंफ है) तब, परिपथ में जुड़े एमीटर की माप $1.0 A$ है। जब कुंजी (i) 1 और 2 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_1 cm$ पर, (ii) और जब कुंजी 1 और 3 के बीच लगी होती है तो, संतुलन बिन्दु $l_2 cm$ पर प्राप्त होता है। तो, $R$ और $X$ प्रतिरोधकों का ओम में प्रतिरोध क्रमशः होगा
एक तार जिसका वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल $a$ लम्बाई 1 तथा प्रतिरोध $R$ है। इसे एक वृत के रूप में मोड़ा गया है। इसके किसी व्यास के दोनों छोड़ो के बीच प्रतिरोध ज्ञात करो।
एक वलय, एक तार जिसका प्रतिरोध $R_0=12 \Omega$ से बना है। इस वलय में ऐसे किन दो बिन्दुओं $A$ और $B$ जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, पर धारावाही चालक को जोड़ा जाय ताकि, इन दो बिन्दुओं के बीच उप परिपथ का प्रतिरोध $R =\frac{8}{3} \Omega$ हो।
नगण्य प्रतिरोध का एक ताप-विद्युत युग्म, ताप के रेखीय परिसर में $40 \mu V /{ }^{\circ} C$ विद्युत वाहक बल (ई.एम.एफ) उत्पन्न करता है। इस ताप विद्युत युग्म के साथ 10 ओम प्रतिरोध का एक गैल्वेनोमीटर लगाया गया है, जिसकी सुग्राहिता $1 \mu A / div$ भाग है, तो इस निकाय (तंत्र) द्वारा संसूचित की जा सकने वाले न्यूनतम तापान्तर का मान होगा:
12 ओम प्रति मीटर के एक तार को मोड़ कर 10 से.मी. त्रिज्या का एक वृत्त बनाया गया है। इसके व्यास के अभिमुख बिन्दुओं, $A$ और $B$, जैसा चित्र में दर्शाया हैं, के बीच के प्रतिरोध का मान होगा:-