(d) समजात अंग अपसारी विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये अंग विभिन्न जातियों के भिन्न जीवों से सम्बन्धित होते हैं तथा भिन्न कार्य करते हैं परन्तु संरचना में समान होते हैं। दूसरी तरफ अवशेषी अंग यह बताते हैं कि कोई जाति अपने पूर्वजों से भिन्न युगों के दौरान, अंगों के प्रयोग व अप्रयोग से किस प्रकार विकसित हुई। यह वे अंग जो किसी समयकाल मनुष्यों में कार्यात्मक (या अन्य किसी जीव मे) थे लेकिन विकास प्रक्रिया के दौरान इनकी उपयोगिता धीरे-धीरे कम होती गयी तथा अब वे अकार्यात्मक, अवशेषी अंग हैं, परन्तु वे किसी अन्य जीव में कार्यात्मक है और बताते हैं कि मानव समान पूर्वज से विकसित हुए, जैसे अन्य प्राणियों हुए। जिनमें ये अंग अवशेषी अंग नहीं हैं।