कन्नौज उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध नगर था, जो कभी हर्षवर्द्धन की राजधानी रह चुका था । इसं नगर पर अधिकार का तात्पर्य था कि वह शासक गंगा-यमुना दोआब के उपजाऊ मैदान पर अधिकार कर लेता तो राजस्व का एक बड़ा जरिया बनता । यहाँ से तीनों में से किन्हीं दो पर बेहतर ढंग से नियंत्रण रखा जा सकता था ।
कन्नौज गंगा के किनारे अवस्थित था, अत: वहाँ से अधिक व्यापारिक कर वसूले जाने की आशा थी । इन्हीं कारणों से कन्नौज गुर्जर-प्रतिहार, राष्ट्रकूट और पाल ये तीनों का केन्द्र बिन्दु बन गया। ये तीनों शक्तियाँ लड़ते-लड़ते पस्त हो गई और तीनों के राज्य समाप्त हो गए।