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एक-दूसरे से 4.0 सेमी. की दूरी पर रखे दो लम्बे, सीधे समान्तर तारों A एवं B से क्रमशः 8.0 A एवं 5.0 A की विद्युत धाराएँ एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही हैं। तार A के 10 सेमी. खंड पर बल का आकलन कीजिए।
पश्चिम से पूर्व की ओर चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे प्रकोष्ठ में प्रवेश करता है जिसमें उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एकसमान एक वैद्युत क्षेत्र है। वह दिशा बताइए जिसमें एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित किया जाए ताकि इलेक्ट्रॉन को अपने सरल रेखीय पथ से विचलित होने से रोका जा सके।
साइक्लोट्रोंन की दोलित्र आवृत्ति $10\ \text{MHz}$ है। प्रोटॉनों को त्वरित करने के लिए प्रचालन चुंबकीय क्षेत्र का मान कितना होना चाहिए। यदि डीज़ की त्रिज्या $60 \ cm$ है तो त्वरक द्वारा उत्पन्न प्रोटॉन पुंज की गतिज ऊर्जा $\text{MeV}$ में परिकलित कीजिए।$(e = 1.60 \times 10^{-19}C, m_p = 1.67 \times 10^{-27} \ kg, 1MeV = 1.6 \times 10^{-13} J)$
एक वर्गाकार कुंडली जिसकी प्रत्येक भुजा $10$ सेमी है, में $20$ फेरे हैं और उसमें $12 \ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली ऊर्ध्वाधरत : लटकी हुई है और इसके तल पर खींचा गया अभिलम्ब $0.80 \ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ$ का एक कोण बनाता है। कुंडली पर लगने वाले बलयुग्म आघूर्ण का परिमाण क्या है?
क्षैतिज तल में रखे एक लम्बे सीधे तार में 50 A विद्युत धारा उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित हो रही है। तार के पूर्व में 2.5 मी. दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र B का परिमाण और उसकी दिशा ज्ञात कीजिए।.
I धारावाही, N फेरों और R त्रिज्या वाली वृत्ताकार कुंडली के लिए, इसके अक्ष पर, केन्द्र से x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए निम्न व्यंजक हैं: B = $\frac{\mu_{0} I R^{2} N}{2\left(x^{2}+R^{2}\right)^{\frac3 2}}$
स्पष्ट कीजिए, इससे कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए सुपरिचित परिणाम कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
बराबर त्रिज्या R, एवं फेरों की संख्या N, वाली दो वृत्ताकार कुडलियाँ एक-दूसरे से R दूरी पर एक-दूसरे के समांतर, अक्ष मिला कर रखी गई हैं। दोनों में समान विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। दर्शाइए कि कुंडलियों के अक्ष के लगभग मध्यबिन्दु पर क्षेत्र, एक बहुत छोटी दूरी के लिए जो R से कम है, एकसमान है और इस क्षेत्र का लगभग मान निम्न है: B = $0.72 \frac{\mu_{0} N I}{R}$
[बहुत छोटे से क्षेत्र पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए बनायी गई ऊपर वर्णित व्यवस्था हेल्महोल्ट्ज कुंडलियों के नाम से जानी जाती है।]
एक स्वचालित वाहन की बैटरी से इसकी चालन मोटर को जोड़ने वाले तारों में 300 A विद्युत धारा (अल्प काल के लिए) प्रवाहित होती है। तारों के बीच प्रति एकांक लम्बाई पर कितना बल लगता है यदि इनकी लम्बाई 70 सेमी. एवं बीच की दूरी 1.5 सेमी. हो। यह बल आकर्षण बल है या प्रतिकर्षण बल?
किसी निर्धारित स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3.0 \times 10^{-5}\ T$ है, तथा इस क्षेत्र की दिशा भौगोलिक दक्षिण से भौगोलिक उत्तर की ओर है। किसी अत्यधिक लंबे सीधे चालक से $1\ A$ की अपरिवर्ती धारा प्रवाहित हो रही है। जब यह तार किसी क्षैतिज मेज़ पर रखा है तथा विद्युत धारा के प्रवाह की दिशाएँ
पूर्व से पश्चिम की ओर;
दक्षिण से उत्तर की ओर हैं तो तार की प्रत्येक एकांक लंबाई पर बल कितना है?
ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\ kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15\ T$ के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुम्बकीय क्षेत्र
प्रारंभिक वेग के लम्बवत है
प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^\circ$ का कोण बनाता है।