लौकिक साहित्य में ‘ढोला-मारुहा’ नामक काव्य लिखा गया । इसमें ढोला नामक राजकुमार और मारवाणी नामक राजकुमारी की प्रणय लीला का वर्णन है । इस काव्य में महिलाओं के कोमल भावों का मार्मिक वर्णन किया गया है । इसी काल के लौकिक साहित्य के रचनाकारों में अमीर खुसरो भी हैं । अमीर खुसरु ने पहेलियों से हिन्दी के भंडार को भरा ।।