रहिम का पूरा नाम अब्दुर्रहीम खानखाना था । ये अकबर के दरबार के नवरत्नों में एक थे । इनकी अधिक पहचान कृष्ण भक्त कवि के रूप में है । इन्होंने हिन्दी में अनेक कविताओं की रचना की । इनकी एक प्रसिद्ध रचना का अंश निम्नलिखित है:
रहिमन विपदा तू भली. जो थोड़े दिन होई । हित अनहित या जगत में जान पड़े सब कोई