लम्बाई $L$ तथा व्यास $D$ के किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर $V$ अनुप्रयुक्त किया गया है। इस चालक में आवेश वाहकों के अपवाह वेग $v_d$ पर क्या प्रभाव होगा जब $(i) V$ को आधा कर दिया जाए, $(ii) L$ को दुगुना कर दिया जाए तथा $(iii) D$ को आधा कर दिया जाए?
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अपवाह वेग
$ V _{ d }=\frac{ I }{ n l A }=\frac{ V / R }{ n l A }$
$V _{ d }=\frac{ V }{ n l A \left(\frac{\rho l}{ A }\right)}=\frac{ V }{ n l \rho l}$
$(i) V$ को आधा करने पर अपवाह वेग $V _{ d }$ का मान भी आधा हो जाता है।
$(ii) l$ को दुगुना करने पर $V _{ d }$ का मान भी दुगुना हो जायेगा।
$(iii)$ यदि $D$ को आधा कर दिया जाये तो अपवाह वेग का मान अपरिवर्तित रहता है। चूँकि अपवाह वेग $V _{ d }$ का मान $D$ पर निर्भर नहीं करता है।
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ताँबे का मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व $8.5 \times 10^{28}$ मीटर$^3$ है। $0.1$ मीटर लम्बे; $1$ मिमी${ }^2$ अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार में धारा ज्ञात कीजिए, जबकि इनके सिरों के बीच $3$ वोल्ट की बैटरी जुड़ी है। $($दिया है, इलेक्ट्रॉन की गतिंशीलता $4.5 \times 10^{-6}$ मीटर$^2-$ वोल्ट ${ }^{-1} -$ सेकंड$^{-1}$ तथा इलेक्ट्रॉन पर आवेश $e =1.6 \times 10^{-19}$ कूलॉम$)$