मध्यकालीन जागीरदारी व्यवस्था के स्वरूप में परिवर्तन:
(1) मुगल काल में मुगलों से संधि के कारण शासकों की जागीरदारों पर निर्भरता कम हो गयी।
(2) शासक, मुगल मनसबदार बन गए और उन्हें मुगलों का संरक्षण प्राप्त हो गया। इससे शासक, जागीरदारों के साथ स्वामी जैसा व्यवहार करने लगे।
(3) प्रारंभ में जागीरदार युद्ध एवं शांति के समय राजा को अपनी सेवाएं देते थे, लेकिन मुगल काल में सेवाओं के साथ कर व्यवस्था निर्धारित कर दी गयी, जिसका उल्लेख जागीर पट्टे में किया जाता था।
(4) मुगल शासन प्रणाली की कुछ व्यवस्थाओं का प्रभाव राजस्थान पर भी पड़ा। रियासतों ने अपने प्रशासन को परगनों और ग्रामों में विभाजित किया।