रियासतों में केन्द्रीय शासन व्यवस्था: आजादी से पहले राजस्थान में अनेक रियासतें थीं। शासन व्यवस्था लगभग समान थी। विभिन्न रियासतों में शासन संचालन के लिए केन्द्रीय व्यवस्था के मुख्यतः निम्न पदाधिकारी होते थे
(1) राजा: राजा, राज्य की संपूर्ण शक्ति का सर्वोच्च केन्द्र होता था। राजा अपने सलाहकारों एवं मंत्री परिषद् के सदस्यों के सहयोग से शासन संचालन करते थे।
(2) मंत्री: शासन कार्य में सहायता हेतु मंत्रियों की नियुक्ति की जाती थी। प्रमुख मंत्री को दीवान कहते थे। राजा समय-समय पर इनसे मंत्रणा करके राजकार्य की जटिल समस्याओं को सुलझाते थे।
(3) बक्षी: सेना को वेतन देने तथा सेना सम्बन्धी अन्य कार्यों की जिम्मेदारी बक्षी की होती थी।
(4) खजांची: आमदनी और खर्च के हिसाब को संतुलित रखना और बचत को सुरक्षित कर राजकोष में वृद्धि करना खजांची का कार्य था।
(5) परगना अधिकारी: राज्य परगनों में विभाजित था, तथा परगने में शांति व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी परगना अधिकारी की होती थी।