महाराणा जगतसिंह के पुत्र राजसिंह ने मेवाड़ का शासक बनने के पश्चात् उत्तराधिकार के युद्ध में औरंगजेब का भरपूर साथ दिया। परंतु औरंगजेब की धार्मिक नीतियों ने राजसिंह को उसका विरोधी बना दिया। औरंगजेब ने हिन्दू धर्म विरोधी अभियान चला रखा था और मंदिरों एवं मूर्तियों को लगातार नष्ट करवाया जा रहा था। अत: ब्रज से गोवर्धननाथ (श्रीनाथजी) की मूर्ति को लेकर आए हुए गोस्वामी भक्तों को महाराजा राजसिंह ने शरण दी। उन्होंने सिंहाड़ (नाथद्वारा) में श्रीनाथजी की मूर्ति और द्वारिकाधीश की मूर्ति कांकरोली (राजसमंद) में स्थापित कर वहाँ मंदिर बनवाया। इसके अतिरिक्त, उदयपुर में अम्बामाता का मंदिर और अनेक जलस्रोत भी बनवाए। कांकरोली में राजसमंद झील का सौंदर्य विश्व प्रसिद्ध है।