भारतीय उत्पादों की इंगलैंड में बढ़ती हुई मांगों को देखकर सन् 1813 ई. में इंगलैंड की सरकार ने ‘मुक्त व्यापार की नीति’ अपनायी। पहले केवल ‘ईस्ट इंडिया कम्पनी’ को ही भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार था । अब, मुक्त व्यापार की नीति द्वारा अन्य अंग्रेजी उद्योगपतियों के लिए भारत में व्यापार करने की स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई । इस.नीति के तहत आयात-निर्यात में भेदभाव भी इंग्लैंड के द्वारा किया गया। भारत में इंगलैंड के माल आने पर कोई कर नहीं लगता था पर भारतीय माल की इंगलैंड में बिक्री पर आयात कर लगाया जाता था जिससे भारतीय माल महंगा बिके और इस प्रकार ना के बराबर बिके।