बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ-प्रायः नदी घाटी परियोजनाएँ एक ही साथ कई उद्देश्यों, जैसे-बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, जल-विद्युत का विकास आदि की पूर्ति के उद्देश्यों को पूरी करती हैं, इसलिए उन्हें बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है।
इसके पाँच प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-
बाढ़ नियंत्रण तथा मृदा संरक्षण नदी घाटी परियोजनाओं ने.नदियों पर बाँध बनाकर उनके प्रवाह की तीव्रता को नियंत्रण कर बाढ़ पर नियंत्रण स्थापित करने तथा मृदा संरक्षण करने में सफलता पाई है।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार-नदियों पर बाँधों के पीछे बड़ी-बड़ी झीलों का निर्माण किया जाता है। इनसे वर्षा का पानी एकत्र हो जाता है। शुष्क ऋतु में जब पानी की आवश्यकता होती है, तब इस पानी का सदुपयोग नहरों द्वारा सिंचाई के लिए किया जाता है।
जल-विद्युत का निर्माण-बाँधों के बन जाने से प्रवाहित जल को ऊँचाई से गिराया जाता है, जिसकी मदद से जल-विद्युत का निर्माण होता है।
औद्योगिक विकास-इन योजनाओं से उद्योगों को सस्ती बिजली की शक्ति तथा पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होता है।
वन्य भूमि विस्तार-बाँधों के जल ग्रहण क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण से वनों का विस्तार होता है।