स्वामित्व के आधार पर क्षेत्रकों का वर्गीकरण स्वामित्व के आधार पर अर्थव्यवस्था को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(1) सार्वजनिक क्षेत्रक-सार्वजनिक क्षेत्रक का तात्पर्य ऐसी गतिविधियों से है जिन पर सरकार का स्वामित्व होता है तथा जिनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है। उदाहरण के लिए भारतीय रेल, भारत संचार निगम लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, सवाई मानसिंह चिकित्सालय, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम आदि। सामान्यतः सार्वजनिक क्षेत्रक का मुख्य उद्देश्य सामाजिक कल्याण करना होता है तथा लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना होता है। सार्वजनिक क्षेत्रक के माध्यम से सरकार अनेक सार्वजनिक सेवाएँ लोगों को उपलब्ध करवाती है तथा गरीब लोगों के उत्थान हेतु विशेष प्रयास करती है। सरकार सेवाओं पर किए गए व्यय की भरपाई करों अथवा अन्य तरीकों से करती है। आधुनिक दिनों में सरकार सभी तरह की गतिविधियों पर व्यय करती है।
(2) निजी क्षेत्रक-निजी क्षेत्रक का तात्पर्य ऐसी गतिविधियों से है जिन पर निजी लोगों का स्वामित्व होता है तथा वे निजी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इन गतिविधियों का संचालन करते हैं । निजी क्षेत्रक का प्रमुख उद्देश्य लाभ कमाना होता है। भारत जैसे देश में सरकार के पास विकास हेतु पर्याप्त वित्तीय स्रोत नहीं हैं अतः यहाँ पर देश के आर्थिक विकास में निजी क्षेत्रक की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। भारत में अधिकांश जनसंख्या निजी क्षेत्रक में कार्यरत है, भारत में निजी क्षेत्रक की भूमिका में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है।