(c) अन्तराली ऊतक सबसे कम विशिष्टीकृत संयोजी ऊतक होता है इसमें बड़ी मात्रा में पदार्थ (बाह्य कोशिकीय पदार्थ) तथा रक्त व तंत्रिका पूर्ति का आधिक्य होता है। यह विस्तृत रूप से शरीर में फैली होती है, त्वचा व एपिथिलियम के नीचे पेशियों, तंत्रिकाओं व रक्त वाहिनियों के बीच व चारों तरफ तथा श्वसन व जठरांग मार्ग की अंतः श्लेष्मा में पाया जाता है।