वातावरण के वे सभी पदार्थ जो प्राकृतिक रूप में स्वतः उपलब्ध होते रहते हैं, नवीकरणीय संसाधन के रूप में जाने जाते हैं, जैसे—सूर्यप्रकाश, हवा, पानी, पेड़-पौधे, पक्षी, जीव-जंतु इत्यादि। दूसरी ओर, वैसे सभी पदार्थ जो एक बार समाप्त होने के बाद पुनः प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं; अनवीकरणीय संसाधनों की श्रेणी में आते हैं, जैसे कोयला, पेट्रोलियम आदि।
नवीकरणीय संसाधन दो प्रकार के होते हैं-(i) वैसे नवीकरणीय संसाधन जो प्राकृतिक, भौतिक, रासायनिक अथवा जैविक प्रक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होते हैं, उन्हें सतत उपलब्ध संसाधन कहा जाता है, जैसे-पानी, जीव-जंतु, वन इत्यादि।
(ii) वैसे नवीकरणीय संसाधन जिसकी उपलब्धता सदैव एकसमान नहीं होता है, प्रवहनीय संसाधन कहलाते हैं, जैसे नदियों में जल आदि।