सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में संसाधन की अहम भूमिका होती है। किन्तु संसाधनों का अविवेकपूर्ण या अतिशय उपयोग; विविध सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म देता है। इन समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न स्तरों पर संरक्षण की आवश्यकता होती है।