प्रिज्म के किसी अपवर्तक पृप्ठ पर किसी प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण का मान $45^{\circ}$ है। प्रिज्म कोण का मान $60^{\circ}$ है। यदि यड किरण प्रिज्म से न्यूनतम विचतित होती है, तो न्यूनतम विचलन कोण तथा प्रिज्म के प्रदार्थ का अपवर्त्तनांक क्रमश: हैः
[2016]
Download our app for free and get started
दिया है,
आपत्तित कोण $i=45^{\circ}$,
प्रिज्म कोण $A =60^{\circ}$;
न्यूनतम विचलन कोण
$ \delta_{ m }=2 i - A =30^{\circ} $
प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक
$ \mu=\frac{\sin \left(\frac{A+\delta_m}{2}\right)}{\sin A / 2}$
$=\frac{\sin 45^{\circ}}{\sin 30^{\circ}}=\frac{1}{\sqrt{2}} \cdot \frac{2}{1}=\sqrt{2} $
Download our app
and get started for free
Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*
एक प्रिज्म जिसका कोण $A$ है, के एक समतल पर एक किरण आपतन कोण बनाते हुए आती है तथा वह दूसरे समतल के लम्बवत बाहर निकलती है। यदि प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक $\mu$ हो तो आपतन कोण $i$ का मान लगभग होगा:
$60^{\circ}$ के किसी प्रिज्म पर प्रकाश की एक किरण अल्पतम् विचलन की स्थिति पर आपतित होती है। पहले पाश्र्व (फलक) पर (अर्थात् आपतन पाश्र्व पर) अपवर्तन कोण है
जब $1.47$ अपवर्तनांक के कॉंच के किसी उभयोत्तल लैंस को किसी द्रव में डुबाया जाता है तो, यह एक समतल शीट $($ परत $)$ की भॉंति व्यवहार करता है। इसका तात्पर्य यह है कि द्रव का अपवर्तनांक हैः
एक लेंस, प्रकाश स्रोत्र तथा दीवार के बीच रखा है। यह लेंस के दो भिन्न स्थितियों दीवार पर $A _1$ तथा $A _2$ क्षेत्रफल के दो प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रकाश स्रोत्र का क्षेत्रफल होगा
दो माध्यमों $M_1$ और $M_2$ में प्रकाश की चाल क्रमशः $1.5 \times 10^8 m / s$ और $2.0 \times 10^8 m / s$ है। प्रकाश की एक किरण माध्यम $M_1$ से $M_2$ में $i$ आपतन कोण पर प्रवेश करती है। यदि इस किरण का पूर्ण आतंरिक परावर्तन हो जाता है तो, ' $i$ ' का मान है
सामान्य नेत्त्र में कौर्निया $($स्वच्छ मंडल$)$ की अभिसारी शक्ति $40 D$ है तथा कार्निया के पीछे नेत्र लेंस की न्यूनतम अभिसारी शक्ति $20 D$ है। इस सूचना से नेत्र के रेटिना $($दृष्टिपटल$)$ तथा लेन्स के बीच की अनुमानित दूरी होगी:
एक पतले समतलोत्तल लैंस की वक्रता त्रिज्या 10 सेमी तथा अपवर्तनांक $1.5$ है। यदि समतल पृष्ठ को पोलिश कर दिया जाए तो यह अवतल दर्पण का काम करेगा। इसकी फोकस दूरी है: