एक प्रकाश किरण काँच के गुटके पर चित्रानुसार पड़ती है। यदि उर्ध्वाधर पृष्ठ से पूर्ण आंतरिक परावर्तन हुआ हो तो काँच का अपवर्तनांक होगा :
[2002]
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(a) बिन्दु $A$ के लिए, $a \mu_{ g }=\frac{\sin 45}{\sin r}$
$ \Rightarrow \sin r=\frac{1}{\sqrt{2} a \mu_g} $
बिन्दु $B$ के लिए $\sin (90-r)={ }_g \mu_a$
$(90-r)$ क्रांतिक कोण है।
$\therefore \cos r ={ }_{ g } \mu_{ a }=\frac{1}{ a _{ a }}$
$\Rightarrow{ }_{ a } \mu_{ g }=\frac{1}{\cos r }=\frac{1}{\sqrt{1-\sin ^2 r }}=\frac{1}{\sqrt{1-\frac{1}{2 a _{ g }{ }^2}}}$
$\Rightarrow{ }_{ a } \mu_{ g }^2=\frac{1}{1-\frac{1}{2 \mu_{ a }^2}}=\frac{2 \mu_{ g } \mu_{ g }^2}{2 a _{ g }^2-1}$
$\Rightarrow 2 a _{ g }^2-1=2 \Rightarrow{ }_{ a } \mu_{ g }=\sqrt{\frac{3}{2}}$
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कोई लड़का कागज़ पर एक समउत्तल लैंस द्वारा सूर्य किरणों को फोकस कर आग जलाना चाहता है। लैंस की फोकस दूरी $10 cm$ है। सूर्य का व्यास $1.39 \times 10^9 m$ है और इसकी पृथ्वी से मध्यमान दूरी $1.5 \times 10^{11} m$ है। सूर्य के कागज़ पर प्रतिबिम्ब का व्यास होगा:
प्रिज्म के किसी अपवर्तक पृप्ठ पर किसी प्रकाश किरण के लिए आपतन कोण का मान $45^{\circ}$ है। प्रिज्म कोण का मान $60^{\circ}$ है। यदि यड किरण प्रिज्म से न्यूनतम विचतित होती है, तो न्यूनतम विचलन कोण तथा प्रिज्म के प्रदार्थ का अपवर्त्तनांक क्रमश: हैः
लाल तथा हरी किरणों से बना हुआ एक प्रकाश पुँज आयताकार काँच की पट्टिका के पृष्ठ पर स्थित एक बिन्दु पर त्रिर्यक रूप से आपतित होता है। जब प्रकाश पुँज विपरीत समान्तर पृष्ठ पर आता है, तो लाल तथा हरी किरणें:
अपवर्तनांक $\mu$ के एक पारदर्शी माध्यम से चलती हुई प्रकाश की एक किरण, इस माध्यम और वायु को पृथक करने वाली सतह पर $45^{\circ}$ के कोण पर टकराती है। अपवर्तनांक $\mu$ के किस मान के लिए इस किरण का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जायेगा?
$f$ फोकस दूरी और $d$ व्यास के द्वारक वाला एक लैंस, तीव्रता $I$ का एक प्रतिबिम्ब बनता है। लेंस के केन्द्रीय भाग में $\frac{d}{2}$ व्यास के द्वारक को काले कागज से ढक दिया जाता है। लेंस की फोकस दूरी तथा प्रतिबिम्ब की तीव्रता अब क्रमशः होगी
$10 cm$ लम्बी एक छड़ को, $10 cm$ फोकस दूरी के एक अवतल लेंस की मुख्य अक्ष के अनुदिश इस प्रकार रखा गया है कि छड़ का दर्पण के ध्रुव के पास वाला सिरा, दर्पण से $20 cm$ दूर है। प्रतिबिम्ब की लम्बाई होगी :
प्रकाश की एक किरण, किसी प्रिज्म जिसका कोण $A$ है के एक फलक पर $i$ कोण पर आपत्तित होती है तथा उसके विपरीत फलक से उसके लम्बवत् निर्गत होती है। यदि प्रिज्म का अपवर्तनांक $\mu$ है तो, आपतन कोण $i$ का मान लगभग बराबर है :