विधायिका में बहुमत हासिल न कर पाने वाले राजनीतिक दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं। वे विधायिका में सत्ता पक्ष से प्रश्न पूछकर उन्हें कटघरे में खड़ा करते हैं तथा जनता के समक्ष जनसभाओं द्वारा जन-जागरूकता को बढ़ाते हैं तथा सरकार को नियन्त्रण में रखते हैं।