राजनीतिक दलों के बीच विकल्पहीनता की स्थिति की चुनौती को स्पष्ट कीजिए।
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सार्थक विकल्प का मतलब होता है कि विभिन्न पार्टियों की नीतियों और कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण अन्तर हो। हाल के वर्षों में दलों के बीच यह वैचारिक अन्तर कम होता गया है और यह प्रवृत्ति दुनिया भर में दिखती है। अतः जो लोग इससे अलग नीतियाँ चाहते हैं उनके लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।
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