सन् 1861 ई. में मिशनरी संस्था कन्या वर्नाकुलर स्कूल प्रारम्भ किया गया। सरकार द्वारा 1866 ई. में पुष्कर अजमेर मेरवाड़ा केन्द्र शासित क्षेत्र में प्रथम सरकारी कन्या स्कूल खोला गया। इसके साथ ही देशी रियासतों में महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए। परिणामस्वरूप, उदयपुर, जयपुर, भरतपुर, अलवर, कोटा, झालावाड़, टोंक, बीकनेर आदि रियासतों में कन्या विद्यालय की शुरुआत की गई।
हीरालाल शास्त्री ने अपनी पत्नी रतन शास्त्री के सहयोग से महिला शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु वनस्थली विद्यापीठ की स्थापना की। श्रीमती रतन शास्त्री को महिला शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली महिला के तौर पर जाना जाता है। महिला शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के कारण इन्हें कई सम्मान मिले, जिनमें पद्मश्री, पद्मभूषण एवं जमनालाल बजाज अवार्ड प्रमुख हैं।