राजस्थान में शिक्षा विभिन्न कालक्रमों से गुजरी है। अंग्रेजी प्रशासन ने 19वीं शताब्दी से पूर्व की शिक्षा को देशी शिक्षा का नाम दिया। जबकि इसके बाद की शिक्षा को अंग्रेजी शिक्षा, पाश्चात्य शिक्षा या आधुनिक शिक्षा का शीर्षक प्रदान किया। इस प्रकार, 19वीं शताब्दी में जहाँ शिक्षा का प्रारम्भिक स्वरूप नजर आता है तो वहीं अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव भी स्पष्ट होता है।
सन् 1819 ई. में आधुनिक शिक्षा का प्रथम विद्यालय अजमेर में खोला गया, तत्पश्चात् पुष्कर, भिनाय एवं केकड़ी में भी शिक्षण संस्थायें खुली। सन् 1835 में अंग्रेजी भाषा को राजकीय भाषा बना दी गई। अत: अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली का महत्त्व बढ़ा और रियासतों में आधुनिक शिक्षा प्रणाली अपनाने वाले शिक्षण संस्थायें खुलने लगीं। सन् 1872 में वायसराय लॉर्ड मेयो के नाम पर अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना हुई, जिसका प्रथम सत्र 1875-76 में प्रारंभ हुआ। इसी क्रम में, पण्डित जनार्धन राय नागर ने सभी के लिए शिक्षा उद्देश्य से 21 अगस्त, 1937 को राजस्थान विद्यापीठ संस्था की स्थापना की।