अंग्रेज अधिकारियों ने झूम अथवा घुमंतू काश्तकारों को खेती करने के लिए जंगल में जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े इस शर्त पर दिये कि गाँवों में रहने वालों को वन विभाग के लिए मजदूरी करनी होगी तथा जंगलों की देखभाल करनी होगी।
इस प्रकार उन्होंने सस्ते श्रम का इंतजाम कर लिया।