(1) काम की तलाश में घर से दूर जाने वाले आदिवासियों की दशा बहुत खराब थी।
(2) असम के चाय बागानों तथा झारखण्ड की कोयला खदानों में आदिवासियों को बड़ी संख्या में भर्ती किया गया।
(3) इन लोगों को ठेकेदारों की मार्फत भर्ती किया जाता था। ये ठेकेदार उन्हें बहुत कम वेतन देते थे तथा वापस घर भी नहीं लौटने देते थे।