सल्तनत काल में कुछ किसान ऐसे थे जिनके पास भूमि के बड़े-बड़े टुकड़े थे । ये धनी होते थे और इनको ‘खुत’, ‘मुक्कदम’ एवं ‘चौध री’ कहलाते थे । छोटे किसान के पास जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े होते थे और ये प्रायः गरीब हुआ करते थे । इन्हें ‘बलहर’ किसान कहा जाता था और समाज में इनको निम्न स्थान प्राप्त था । बहुत लोग भूमिहीन भी थे, जो बड़े किसानों के खेतों में मजदूरी करते थे।