सरकार के तृतीय स्तर से आशय स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं से है। इसकी चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
इन संस्थाओं के सदस्यों तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं।
इनमें 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं
सभी स्थानीय संस्थाओं के सदस्यों के चुनावों के लिए राज्य चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकारें अपनी आय का एक भाग विकास कार्य के लिए इन संस्थाओं को देती हैं।