तिर्यक ऊँचाई $45 \ cm$ वाली एक बाल्टी के ऊपरी और निचले सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः $28 \ cm$ और $7 \ cm$ हैं। इस बाल्टी का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल है
Exercise-12.1-13
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दी गई बाल्टी के शीर्ष की त्रिज्या $(R) = 28$ सेमी,
बाल्टी के नीचे की त्रिज्या $(r) = 7$ सेमी और
बाल्टी की तिरछी ऊंचाई $(I) = 45$ सेमी
$\because$ बाल्टी एक छिन्रक के रूप में होगी
$\therefore$ बाल्टी का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल $= \pi (r + R)l$
$= \frac{22}{7} \times (28 + 7) \times 45$
$= 22 \times 5 \times 45$
$= 4950$ सेमी$^2$
अत: बाल्टी का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल $4950$ सेमी$^2$ है ।
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कोई मिस्त्री ईंटों से विमाओं $270 \ cm \times 300 \ cm \times 350 \ cm$ की एक दीवार बनाता है, जिनमें से प्रत्येक ईंट की माप $22.5 \ cm \times 11.25 \ cm \times 8.75 \ cm$ है। यदि यह मान लिया जाए कि दीवार का $\frac 18$ भाग मसाले से भरा जाता है, तो दीवार को बनाने में लगी ईंटों की संख्या है
एक शंकु को उसके आधार के समांतर एक तल की सहायता से काटा जाता है और फिर तल के एक ओर बने शंकु को हटा दिया जाता है। तल के दूसरी ओर बचा हुआ नया भाग कहलाता है एक:
दवाई का एक कैप्सूल $0.5 \ cm$ व्यास वाले एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरों पर दो अर्धगोले लगे हुए हैं। संपूर्ण कैप्सूल की लंबाई $2 \ cm$ है। इस कैप्सूल की धारिता है
क्रमशः आंतरिक और बाहरी व्यास $4 \ cm$ और $8 \ cm$ वाले एक धातु के गोलाकार खोल को पिघलाकर आधार व्यास $8 \ cm$ के एक शंकु के आकार में ढाला जाता है। इस शंकु की ऊँचाई है